प्रधानमंत्री मोदी यूनाइटेड नेशन में जब जलवायु परिवर्तन

प्रधानमंत्री मोदी यूनाइटेड नेशन में जब जलवायु परिवर्तन और आतंकवाद पर बोले तो एक सवाल हर किसी के दिमाग में कौंध रहा था कि आखिर पर्यावरण को बचाने के लिए अन्तराष्ट्रीय भाईचारे का ज़िक्र करते हुए प्रशनमंत्री मोदी ने विश्व की प्राचीनतम भाषा तमिल के कवि कैनियन पुनगुन्द्रनार की लाइन “यड्डम उरे, यवराम केलिर” का इस्तेमाल क्यों किया ? इसका अर्थ है, “पूरी सृष्टि मेरी है और इसमें रहने वाले लोग भी” ।

अब सवाल यह उठता है कि आखिर प्रधानमंत्री मोदी के लिए हजारों साल पहले तमिलनाडु के कवि को समझने के लिए ,उनसे प्रभावित होने की प्ररेणा किससे मिली थी । तो आइए आपको मिलवाते हैं यूएन में पीएम के भाषण से ठीक दो दिन पहले आखिर वो कौन थी जिसने क्लाइमेट चेंज पर अपनी बात रखी थी और अपनी स्पीच की शुरुआत तमिल कवि कैनियन पुनगुन्द्रनार की उसी लाइन से की थी । पर्यावरण सुरक्षा पर इस छोटी बच्ची के भाषण से विदेश राज्यमंत्री वी. मुरलीधरन भी काफी प्रभावित हुए थे और प्रधानमंत्री मोदी ने भी उस बच्ची के भाषण के वीडियो क्लिप देखी , नाम है “जननी”। Read More >>

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